अच्छी पैदावार हेतू किसान कर रहे हैं फसल में शराब का प्रयोग। क्या है इसपर वैज्ञानिकों की राय। क्या शराब की स्प्रै से बढ़ रही है पैदावार।
अच्छी पैदावार हेतू किसान कर रहे हैं फसल में शराब का प्रयोग। क्या है इसपर वैज्ञानिकों की राय। क्या शराब की स्प्रै से बढ़ रही है पैदावार। जानेंगे आज के इस आर्टिकल में कीतना रहता है कारगार या फिर शराब का इस्तेमाल करना है बेकार।
नमस्कार किसान साथियों इस समय ग्रीष्मकालीन खरीफ की फसल में अनेक प्रकार की बीमारियां देखी जा रही है इस हेतु किसान साथी अच्छी पैदावार हेतु अनेक प्रकार के प्रयोग कर रहे हैं ताकि अच्छी पैदावार ले सके इसमें से एक शराब का खेतों में प्रयोग कर रहे हैं और काफी लाभ भी बता रहे हैं तो आज के इस लेख में हम जानेंगे वैज्ञानिक शराब के इस्तेमाल फसलों में क्या फायदे हैं और क्या नुकसान है क्या सच में यह लाभ पहुंचाती है या फिर हानि जाती है इसके बारे में आज डिटेल में वैज्ञानिकों की राय किसान क्या कहते हैं इसके बारे में जानेंगे तो चलिए जानते हैं विस्तार से।
अच्छी पैदावार हेतू किसान कर रहे हैं फसल में शराब का प्रयोग
किसान साथी खरीद लो की बुवाई के बाद प्रश्नों की बढ़वार के बारे में लगे हुए हैं ऐसे में खरपतवार नाशक दवा का इस्तेमाल उन्हें हटाने हेतु एवं रोग नियंत्रण हेतु कीटनाशकों का प्रयोग किया जा रहा है इसी दौरान देश के कई हिस्सों से किसान साथी अलग-अलग के प्रयोग कर रहे हैं जिनमें जैविक कीटनाशक बनाकर उनका इस्तेमाल भी कर रहे हैं।
इसके साथ साथ कुछ किसान साथी ऐसे भी है जो अपनी फसलों में शराब का छिड़काव कर रहे हैं तो चलिए इस खबर के माध्यम से हम कृषि वैज्ञानिक क्या कहते हैं इसके बारे में विस्तार से जानते हैं क्या शराब का छिड़काव फसलो की अच्छी पैदावार एवं बंटवारे हेतु लाभदायक है या फिर कितना हानिकारक है क्या कहते हैं वैज्ञानिक….
अच्छी पैदावार हेतू किसानों की अजीबोगरीब तकनीक
अच्छी पैदावार हेतू किसान साथी अजीबोगरीब तकनीक एवम् कीटनाशकों का इस्तेमाल कर रहे हैं, कुछ साथी शराब का इस्तेमाल करके अच्छी पैदावार का दावा कर रहे हैं, हाल ही में प्रदेश के किसान साथी उत्पादन बढ़ाने हेतु ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल में शराब की स्प्रे का छिड़काव कर रहे हैं एवं छिड़काव करने के बाद किसान साथी ग्रीष्मकालीन मूंग एवं सोयाबीन दोनों पर छिड़काव करके अच्छी पैदावार का दावा किया गया है। राजस्थान के किसान साथी भी नरमा एवं कपास की फसल पर स्प्रे का इस्तेमाल 2 से 3 साल से लगातार कर रहे हैं एवं लाल सुंडी एवम् अन्य रोगों आदि बीमारियों पर अच्छा लाभ बता रहे है।
हाल ही में एमपी की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक किसान साथी पिछले 2 से 3 वर्षों से ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल में दुगना उत्पादन करने हेतु देसी शराब का इस्तेमाल कर रहे हैं और मूंग की फसल दोगुनी होने का भी दावा किया है वहीं हरियाणा और राजस्थान में भी ऐसी ही खबरें निकल कर सामने आ रही है और उत्पादन एवं बीमारियों पर नियंत्रण का दावा किया गया है उनके अनुसार देसी शराब का इस्तेमाल करने से उत्पादन 2 गुना बढ़ रहा है
किसानों का कहना है कि इस तकनीक का इस्तेमाल करने से ऊपर की गुणवत्ता तो बढ़ती ही है उत्पादन में भी सुधार होता है उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए दावा किया है कि फसल को इंसानों की तरह शराब पीने से जो नशा होता है वह पशुओं में भी होता है और इसका असर फसलों में उत्पादन पर भी दिखाई देता है। किसानों द्वारा दिए गए अजीबोगरीब बयान में कहा गया है कि यह फसलों को नुकसान नहीं बल्कि लाभ देता है इस तकनीक का इस्तेमाल अब भारत के कई हिस्सों में किया जा रहा है।
ऐसे करते करते है फसलों में शराब का इस्तेमाल
किसानों के अनुसार दलहनी एवं कॉटन में शराब का छिड़काव बेहद ही आसान है विदेशी शराब का प्रयोग दुकान से लेकर आते हैं एवं सुप्रीम में पानी के साथ उन्हें मिलते हैं इसके बाद वह उसका पूरा मिश्रण बनाकर फसल में छिड़काव करते हैं उन्होंने कहा कि शराब की छिड़काव से उनके शरीर को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होता और इसकी दुर्गंध के कारण है बीमा जरूर पड़ जाते हैं परंतु इसका इस्तेमाल बहुत ही आसान बताया गया है।
फल फूल आने पर करते हैं शराब का छिड़काव
बताया है कि फल फूल आने के दौरान कोटन यानी कपास नरमा एवं मूंग सोयाबीन समेत अनेक प्रश्नों पर शराब का छिड़काव किया जाता है ताकि अच्छा उत्पादन हो और उत्पादन में बढ़ोतरी हो सानू का तर्क है कि इससे अधिक फूल खिलते हैं जिसके कारण अच्छी पैदावार होती है ऐसे में अन्य फसलों पर भी शराब का छिड़काव काफी लाभदायक रहेगा वही वैज्ञानिक लॉजिक कहता है कि शराब के छिड़काव से पौधों में गर्मी बढ़ती है जिसे फल फूल आने की संभावना बढ़ती है।
शराब के छिड़काव से क्या पैदावार बढ़ती है, क्या कहते हैं वैज्ञानिक
ग्रीष्मकालीन फसलों खासकर नरमा कपास एवं सोयाबीन आदि की फसलों में शराब का छिड़काव करने हेतु कृषि वैज्ञानिक अलग-अलग राय रखते हैं एक वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक प्रक्रिया से इनकार किया है उनके अनुसार गर्मी में फसलों पर शराब का छिड़काव करना व्यर्थ है उनके अनुसार प्रश्नों को उचित मात्रा में पोषक तत्व एवं खाद देना उचित है।
बाजार में फसल की अच्छी ग्रोथ हेतु फल भोले हो अच्छी उपज के लि पोषक तत्वों के साथ कुछ टॉनिक का इस्तेमाल किसानों के लिए लाभदायक होगा ऐसे में जैविक खाद एवं पोषक तत्वों का इस्तेमाल करना चाहिए। बजाय शराब का छिड़काव करें। शराब का छिड़काव करना फसलों में व्यर्थ है इसलिए बेवजह है अपनी फसलों पर शराब का छिड़काव ना करें इसे किसी भी प्रकार का लाभ नहीं होगा बजाय इसके हानि होगी।
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